Personality Development (व्यक्तित्व विकास) पेपर में आत्मविश्वास, संवाद कौशल, नेतृत्व क्षमता, समय प्रबंधन, टीम वर्क, शिष्टाचार और नैतिक मूल्यों से जुड़े प्रश्न होते हैं। इसमें सिद्धांत और व्यावहारिक प्रश्न दोनों शामिल होते हैं।
B.A./B.Com./B.Sc./B.H.Sc./B.B.A./B.C.A./B.B.A.(HA)/Β.Β.Α.(HM)/B.B.A(FT)/B.S.W./B.J.M.C. III Year (4 Y.D.C.) Examination
March-April 2025
विषय: व्यक्तित्व विकास – PERSONALITY DEVELOPMEN (व्यावसायिक Vocational)

खण्ड अ: वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Section A: Objective Question) 4×2=8
1. अभिवृत्ति की प्रकृति होती है: …. is the nature of attitude.
(अ) धनात्मक, ऋणात्मक, शून्य (a) Positive, Negative, Zero)
(ब) धनात्मक, ऋणात्मक, प्रेरणात्मक (b) Positive, Negative, Motivational)
(स) भावात्मक, निर्देशात्मक, प्रेरणात्मक (c) Affective, Directional, Motivational
(द) उपरोक में से कोई नहीं (d) None of the above
2. साक्षात्कार कौशल के लिये महत्त्वपूर्ण है: Important skill for interview is.
(अ) समय-प्रबन्धन (a) Time Management
(ब) अनुसंधान क्षमताएँ (b) Research Capability
(स) आत्मविश्वास (c) Confidence
(द) उपरोक्त सभी (d) All of the above
3. सोशल मीडिया मैनेजर का कार्य है: Function of a Social Media Manager.
(अ) रचनात्मकता (a) Creativity
(ब) ग्राहक सेवा (b) Customer Service
(स) विजुअल डिजाइन (c) Visual Design
(द) सामाजिक नेटवर्क रणनीति तैयार करना (d) Framing a Social Network Strategy
4. व्यक्तित्व के दृष्टिकोण को प्रभावित करने वाले कारक हैं: The factors that influence an Attitude.
(अ) विशेषता (a) Expertise
(ब) अनुकूल परिणाम की उम्मीद (b) Expectation of Favorable Result
(स) व्यक्तिगत अनुभव (c) Personal Experience
(द) उपरोक्त सभी (d) All of the above
खंड ब: लघुउत्तरीय प्रश्न (Section B: Short Answer Question) 4×8=32
1. व्यक्तित्व विकास में अभिवृद्धि को परिभाषित करते हुये उसकी भूमिका पर प्रकाश डालिये। Define and describe the role of attitude in Personality Development।
उत्तर: व्यक्तित्व विकास में अभिवृद्धि का मतलब है, किसी व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक पहलुओं में सकारात्मक और क्रमिक सुधार होना। यह प्रक्रिया जीवनभर चलती रहती है, जिसमें व्यक्ति की सोच, समझ, आत्मविश्वास, रिश्तों की गुणवत्ता, निर्णय लेने की क्षमता और समाज में योगदान देने के तरीके में सुधार आता है। यह अभिवृद्धि व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत, भावनात्मक रूप से संतुलित, और समाज में एक जिम्मेदार नागरिक बनाती है।
1. शारीरिक विकास: यह विकास का पहला कदम है, जो व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ाता है और उसे समाज में अच्छे तरीके से भाग लेने की ताकत देता है।
2. मानसिक विकास: सोचने, समझने, और फैसले लेने की क्षमता बढ़ती है, जो व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाता है और समस्याओं का हल निकालने में मदद करता है।
3. भावनात्मक संतुलन: भावनाओं को समझना, व्यक्त करना और उन पर नियंत्रण पाना भावनात्मक विकास का हिस्सा है, जो व्यक्ति को मानसिक रूप से स्थिर और संतुलित बनाता है।
4. सामाजिक कौशल: समाज में मिल-जुलकर रहना, दूसरों से बात करना और सहयोग करना सामाजिक विकास का हिस्सा है। यह एक अच्छे और परिपक्व व्यक्तित्व को बनाने में मदद करता है।
5. नैतिक विकास: सही और गलत के बीच फर्क करना और अपने आचरण को अच्छे मूल्यों के अनुसार रखना नैतिक विकास का हिस्सा है। यह व्यक्ति को समाज में एक जिम्मेदार नागरिक बनाता है।
6. व्यावसायिक और व्यक्तिगत सफलता: अभिवृद्धि के कारण व्यक्ति आत्मनिर्भर और अपने लक्ष्य के प्रति प्रेरित होता है। यह उसकी निर्णय क्षमता, कार्य क्षमता और नेतृत्व कौशल को भी मजबूत बनाता है।
अथवा OR
धनात्मक एवं निषेधात्मक अभिवृत्ति को समझाइये। Explain Positive and Negative Attitude.
2. समस्या समाधान कौशल का जीवन में क्या महत्त्व है? Why are Problem Solving Skill important in life?
उत्तर: समस्या समाधान कौशल का जीवन में महत्त्व
1. निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करता है: समस्या समाधान कौशल से व्यक्ति सीखता है कि किसी भी समस्या का सही तरीके से विश्लेषण कैसे करें और सबसे अच्छा निर्णय कैसे लें। इससे व्यक्ति को छोटी-बड़ी समस्याओं का सामना करने में मदद मिलती है और आत्मनिर्भरता बढ़ती है। जब फैसले सोच-समझकर लिए जाते हैं, तो गलतियाँ कम होती हैं।
2. तनाव, चिंता और भ्रम को कम करता है: जब किसी समस्या का हल पहले से तय होता है, तो व्यक्ति घबराता नहीं है। यह कौशल मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति तनाव या कठिन परिस्थितियों में भी शांत रहता है और उसका आत्मविश्वास बढ़ता है।
3. व्यक्तिगत और व्यावसायिक सफलता की कुंजी:बसमस्या समाधान कौशल हर क्षेत्र में काम आता है, चाहे वह पढ़ाई, नौकरी, या व्यवसाय हो। एक अच्छा समस्या हल करने वाला व्यक्ति चुनौतियों को अवसरों में बदल सकता है। यह कौशल नेतृत्व, टीम काम, और निर्णय लेने की क्षमता को बेहतर बनाता है, जिससे सफलता की ओर तेजी से बढ़ते हैं।
4. रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देता है: समस्या हल करने के दौरान व्यक्ति को कभी-कभी नए तरीके अपनाने पड़ते हैं, जिससे उसकी सोच रचनात्मक बनती है। यह नए विचार और समाधान उत्पन्न करता है, जो भविष्य में सफलता और विकास का आधार बनते हैं।
अथवा OR
व्यक्तित्व उन्नयन कौशल का महत्त्व समझाइये? What is the skills for the enhancement of Personality?
3. व्यक्तित्व मूल्यांकन के उद्देश्य क्या है? What is the purpose of Personality Assessment ?
अथवा OR
साक्षात्कार विधि के लाभ एवं सीमाएँ क्या हैं? What are the advantage and limitations of Interview Method?
उत्तर: साक्षात्कार विधि के लाभ और सीमाएँ:
साक्षात्कार विधि के लाभ:
1. प्रत्यक्ष मूल्यांकन: साक्षात्कार से चयनकर्ता को उम्मीदवार के आत्मविश्वास, संचार कौशल और मानसिक स्थिति को सही तरीके से समझने का मौका मिलता है। इससे चयन में सटीकता बढ़ती है।
2. स्पष्टता और संप्रेषण: उम्मीदवार को अपने विचार और दृष्टिकोण को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने का मौका मिलता है, जिससे चयनकर्ता को उम्मीदवार के बारे में गहरी जानकारी मिलती है।
3. तत्काल प्रतिक्रिया: साक्षात्कार के दौरान चयनकर्ता तुरंत उम्मीदवार के उत्तरों पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं, जिससे उम्मीदवार को सुधार का मौका मिलता है और चयन प्रक्रिया पारदर्शी रहती है।
4. सामाजिक स्थिति का मूल्यांकन: साक्षात्कार से उम्मीदवार के सामाजिक व्यवहार और मानसिक स्थिति का पता चलता है, जो टीम वर्क और दबाव में काम करने के लिए जरूरी होता है।
साक्षात्कार विधि की सीमाएँ:
1. पूर्वाग्रह: कभी-कभी चयनकर्ता का व्यक्तिगत पूर्वाग्रह उम्मीदवार के चयन पर असर डाल सकता है, जिससे परिणाम सही नहीं होते।
2. समय और संसाधन: साक्षात्कार में समय और संसाधनों की खपत होती है, खासकर जब उम्मीदवारों की संख्या अधिक हो, तो यह महंगा और समय-consuming हो सकता है।
3. साक्षात्कारकर्ता की क्षमता: साक्षात्कार का परिणाम चयनकर्ता की क्षमता पर निर्भर करता है। यदि चयनकर्ता का अनुभव कम हो, तो सही मूल्यांकन नहीं हो पाता।
4. सामाजिक दबाव: कभी-कभी उम्मीदवार पर साक्षात्कार के दौरान दबाव बनता है, जिससे वह अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन नहीं कर पाता और सही आकलन नहीं हो पाता।
4. अवलोकन विधि कितने प्रकार की होती है? What are the types of Observation Method?
अथवा OR
सोशल मीडिया मैनेजर के क्या कार्य है? What are the functions of Social Media Manager?
उत्तर: सोशल मीडिया मैनेजर का कार्य सोशल मीडिया पर किसी ब्रांड या व्यक्ति की पहचान, छवि और उपस्थिति को बढ़ाने और प्रबंधित करने का होता है। इसके कुछ मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:
1. सामग्री की योजना और निर्माण: सोशल मीडिया मैनेजर ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए आकर्षक पोस्ट, इमेज और वीडियो तैयार करते हैं। उन्हें यह तय करना होता है कि कौन सी सामग्री दर्शकों के लिए सबसे उपयुक्त होगी।
2. सोशल मीडिया अकाउंट्स का प्रबंधन: फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, लिंक्डइन आदि पर अकाउंट्स को नियमित रूप से अपडेट करना और सही सामग्री साझा करना।
3. सामग्री की पोस्टिंग: सोशल मीडिया पर पोस्ट को सही समय पर डालना ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उसे देख सकें। इसमें पोस्ट के साथ सही कैप्शन और हैशटैग का चयन भी करना होता है।
4. इंटरएक्शन और समुदाय निर्माण: सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स से बातचीत करना, उनके सवालों का जवाब देना और एक सक्रिय समुदाय बनाए रखना। इससे ब्रांड और फॉलोअर्स के बीच अच्छा संबंध बनता है।
5. प्रचार और विज्ञापन: सोशल मीडिया पर विज्ञापन अभियान चलाना, प्रायोजित पोस्ट डालना और अन्य प्रचार गतिविधियाँ करना। यह सुनिश्चित करना कि अभियान के लक्ष्य पूरे हों।
6. डेटा विश्लेषण और रिपोर्टिंग: सोशल मीडिया पर किए गए कार्यों की सफलता को मापना, जैसे कि लाइक्स, शेयर, और टिप्पणियाँ, और फिर रिपोर्ट तैयार करना ताकि भविष्य में बेहतर रणनीतियाँ बनाई जा सकें।
7. ब्रांड की आवाज बनाए रखना: ब्रांड के संदेश और विचारों के अनुसार हर पोस्ट और प्रतिक्रिया में एक समान स्वर बनाए रखना, ताकि ब्रांड की पहचान बनी रहे।
8. प्रवृत्तियों और प्रतियोगिता का विश्लेषण: सोशल मीडिया पर हो रही ताजातरीन प्रवृत्तियों का पालन करना और यह देखना कि प्रतियोगी क्या कर रहे हैं, ताकि ब्रांड प्रतिस्पर्धा में बना रहे।
खण्ड स: दीर्घउत्तरीय प्रश्न (Section C: Long Answer Question) 2×15=30
1. धनात्मक एवं निषेधात्मक अभिवृत्तियों वाले व्यक्तित्व के बीच अन्तर स्पष्ट कीजिये। Differentiate between Personalities having Positive and Negative Attitude.
2. सोशल मीडिया प्रबन्धन कैसे सुधारे? समझाइये। How to improve Social Media Management Skills? Explain.
उत्तर: सोशल मीडिया प्रबंधन को सुधारने के लिए निम्न बिंदु:
1. स्पष्ट उद्देश्य तय करें: अपने सोशल मीडिया के उद्देश्य को स्पष्ट रूप से निर्धारित करें। यह आपको सही दिशा में काम करने और लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
2. सामग्री योजना बनाएं: कंटेंट कैलेंडर तैयार करें और यह तय करें कि क्या और कब पोस्ट करना है। इससे आपकी पोस्टिंग संरचित और नियमित रहेगी।
3. लक्ष्य दर्शक पहचानें: अपने दर्शकों के बारे में जानें, जैसे उनकी रुचियां और प्राथमिकताएँ। इससे आप सही और आकर्षक सामग्री तैयार कर पाएंगे।
4. नियमित रूप से पोस्ट करें: नियमित पोस्टिंग से आपके दर्शक जुड़े रहते हैं और ब्रांड की पहचान मजबूत होती है। यह आपकी सोशल मीडिया उपस्थिति को बढ़ाता है।
5. इंटरएक्शन बढ़ाएं: अपने फॉलोअर्स के साथ संवाद करें और उनके सवालों का उत्तर दें। इससे आपके दर्शकों के साथ गहरा संबंध बनता है।
6. डेटा विश्लेषण करें: अपनी पोस्ट की प्रदर्शन को ट्रैक करें और देखें कि कौन सी पोस्ट ज्यादा प्रभावी है। इसके आधार पर आप अपने कंटेंट को सुधार सकते हैं।
7. प्रवृत्तियों का पालन करें: सोशल मीडिया पर जो ट्रेंड्स चल रहे हैं, उनका पालन करें और अपने कंटेंट में उन्हें शामिल करें। इससे आपकी पोस्ट ताजगी और प्रासंगिकता बनाए रखती है।
8. कस्टमाइज्ड सामग्री बनाएं: अपने दर्शकों की पसंद के अनुसार सामग्री तैयार करें। व्यक्तिगत और प्रासंगिक सामग्री ज्यादा आकर्षक होती है।
9. समय का ध्यान रखें: पोस्ट करने के सही समय का चयन करें, ताकि ज्यादा लोग उसे देखें। यह आपकी पोस्ट की पहुंच बढ़ाता है।
10. विज्ञापन अभियान चलाएं: सोशल मीडिया पर विज्ञापनों के जरिए अपने ब्रांड को प्रचारित करें। इससे आप अधिक लक्षित दर्शकों तक पहुँच सकते हैं।
11. विभिन्न प्रकार की सामग्री साझा करें: वीडियो, इमेज, स्टोरीज़ और टेक्स्ट का मिश्रण इस्तेमाल करें। इससे आपके पोस्ट में विविधता बनी रहती है और लोग आकर्षित होते हैं।
12. ब्रांड की आवाज बनाए रखें: आपके सभी पोस्ट्स में एक समान आवाज होनी चाहिए। इससे ब्रांड की पहचान बनी रहती है और वह अधिक विश्वसनीय लगता है।
13. सोशल मीडिया टूल्स का इस्तेमाल करें: Hootsuite और Buffer जैसे टूल्स का इस्तेमाल करें। यह आपकी पोस्टिंग को आसान और समय बचाने वाला बनाता है।
14. कंपनी की संस्कृति को बढ़ावा दें: सोशल मीडिया पर अपनी कंपनी की संस्कृति, मूल्यों और मिशन को दिखाएं। यह दर्शकों के साथ एक मजबूत संबंध बनाने में मदद करता है।
15. फीडबैक लें और सुधार करें: अपने फॉलोअर्स से प्रतिक्रिया प्राप्त करें और उसे ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति सुधारें। यह आपकी सोशल मीडिया प्रबंधन को बेहतर बनाता है।
3. अच्छे तालमेल निर्माण की विशेषताओं का वर्णन कीजिये। Describe the characteristics for build-up a Good Rapport.
उत्तर: अच्छे तालमेल निर्माण की विशेषताएँ:
1. संचार की स्पष्टता: टीम में जब सभी सदस्य एक-दूसरे से बिना किसी भ्रम के बातचीत करते हैं, तो वे एक-दूसरे की सोच और विचार को सही तरीके से समझ पाते हैं। यह तालमेल को मजबूत करता है और काम के प्रति सभी का दृष्टिकोण स्पष्ट रहता है। जब संवाद में कोई अड़चन नहीं होती, तो टीम के सदस्य अपने विचार और सुझाव खुलकर साझा कर पाते हैं, जिससे टीम के कार्य में सुधार होता है।
2. समान उद्देश्य और दिशा: जब टीम के सभी सदस्य एक समान उद्देश्य के लिए काम करते हैं, तो वे एक-दूसरे के प्रयासों को सहयोग देने के बजाय प्रतिस्पर्धा नहीं करते। इससे कार्यों में गति और परिणाम दोनों में सुधार होता है। इस साझा लक्ष्य के कारण, हर किसी की मेहनत एक-दूसरे को समर्थन देती है, जिससे टीम का लक्ष्य जल्दी पूरा होता है और किसी भी काम में देरी नहीं होती।
3. आपसी विश्वास और सम्मान: तालमेल के लिए विश्वास और सम्मान की नींव बहुत जरूरी है। जब सदस्य एक-दूसरे पर विश्वास करते हैं और उनका सम्मान करते हैं, तो वे पूरी निष्ठा और आत्मविश्वास से काम करते हैं। यह विश्वास तनावपूर्ण स्थितियों में भी मदद करता है और बिना डर के टीम में समस्या का समाधान किया जा सकता है। एक दूसरे को सम्मान देने से काम का माहौल सकारात्मक और सहायक बनता है।
4. समझदारी और सहानुभूति: अच्छे तालमेल में टीम के सदस्य एक-दूसरे की भावनाओं और स्थिति को समझने की कोशिश करते हैं। यह सहानुभूति किसी भी तनावपूर्ण या चुनौतीपूर्ण स्थिति में मदद करती है। जब सदस्य एक-दूसरे की भावनाओं का आदर करते हैं और स्थिति को समझते हैं, तो यह टीम के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देता है और समस्याओं को जल्दी हल किया जा सकता है।
5. रचनात्मकता और समाधान की ओर सोच: अच्छे तालमेल में लोग समस्या के बजाय समाधान पर ध्यान केंद्रित करते हैं। यह सोच टीम को नए विचारों और रचनात्मक समाधान बनाने के लिए प्रेरित करती है। टीम के सदस्य सकारात्मक रूप से किसी भी समस्या को एक अवसर के रूप में देखते हैं, जिससे वे समाधान पर ध्यान देने के बजाय निराशा का सामना नहीं करते। रचनात्मक विचारों के चलते नई योजनाएं और बेहतर तरीके से कार्य किया जा सकता है।
6. समान सम्मान और सराहना: एक अच्छा तालमेल तब बनता है जब सभी सदस्य के योगदान का सम्मान किया जाता है, चाहे वह छोटा हो या बड़ा। जब टीम के सदस्य एक-दूसरे की सराहना करते हैं, तो इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और सभी में अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है। यह सराहना सकारात्मक कार्य संस्कृति को जन्म देती है, जिससे टीम के सदस्य खुद को और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित महसूस करते हैं।
7. लचीलापन और अनुकूलता: अच्छे तालमेल के लिए लचीलापन और अनुकूलता बहुत जरूरी होती है। समय-समय पर कार्यशैली में बदलाव और नई परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। जब टीम के सदस्य अपने कार्य में लचीलापन रखते हैं और बदलती परिस्थितियों के अनुसार काम करते हैं, तो टीम को किसी भी चुनौती से जल्दी निपटने में मदद मिलती है। यह टीम को नए अवसरों और समस्याओं का सामना करने के लिए तैयार रखता है।
8. सकारात्मक मानसिकता और दृष्टिकोण: तालमेल में सकारात्मक सोच और दृष्टिकोण बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। जब टीम के सदस्य किसी भी कार्य को सकारात्मक दृष्टिकोण से करते हैं, तो टीम के भीतर उत्साह और ऊर्जा बनी रहती है। सकारात्मक मानसिकता के साथ, टीम सदस्य किसी भी कठिनाई को एक चुनौती के रूप में लेते हैं और उसे पार करने के लिए एकजुट होते हैं। यह मानसिकता टीम के उत्साह को बनाए रखती है और किसी भी समस्या का सामना सकारात्मक तरीके से किया जा सकता है।
4. व्यक्तित्व मूल्यांकन के लिये मनोवैज्ञानिक परीक्षणों के प्रकारों का वर्णत कीजिये। Describe the types of Psychological Skills for Personality Assessment.
➡️ हिन्दी साहित्य | BA 3rd Year Paper | DAVV | 2025
➡️ सामान्य ज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उतर | पार्ट 4 | 301-400
➡️ DGCA Module 08 (2nd Session of 2023) | Download Now